सीएम पर बंदूक तानने वाला आरक्षक दोषमुक्त जिन पुलिस अधिकारियों ने अपराधिक सांठगांठ कर आरक्षक को फंसाया उन पर कसेगा कानूनी शिकंजा
रिपोर्ट-ठा.रामकुमार राजपूत
प्रधान संपादक-पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा म.प्र
13/02/2020
छिदंवाडा-
वर्ष 2017 में तत्कालीन सांसद एवं वर्तमान मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ जी की वीआईपी सुरक्षा में आरक्षक रत्नेश पवार क्रमांक ,300 की ड्यूटी हवाई पट्टी इमली खेड़ा में लगाई गई थी दिनांक 15/12 /2017 की शाम लगभग 4:00 बजे रत्नेश पवार आरक्षण के ऊपर एयरोप्लेन की सुरक्षा में बंदूक तानने का आरोप लगा जिस पर सिटी कोतवाली छिंदवाड़ा द्वारा अपराध क्रमांक 723/2017 भा.द.वि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया. उक्त प्रकरण का सत्र क्रमांक 86/ 2018 जो कि तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय माननीय श्री अरविंद गोयल जी के न्यायालय में आया उक्त प्रकरण में आरक्षक रत्नेश पवार के ऊपर बंदूक तानने का आरोप लगा जिसको लेकर इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में सुरक्षा चूक को लेकर भाजपा सरकार के ऊपर कई आरोप आरोपित हुए उस समय तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के कार्यभार में श्री नीरज सोनी थे उक्त घटना में पुलिस द्वारा लगभग 22 से 24 घंटे बाद एफ आई आर दर्ज की गई एफ आई आर f.i.r. दिनांक 16 2017 को दर्ज हुई जबकि उक्त घटना से पुलिस द्वारा रत्नेश पवार से राइफल की जब्ती भी नहीं की गई और ना ही उसे गिरफ्तार किया गया और वह घटना दिनांक को पुलिस लाइन में जाकर उसके द्वारा राइफल जमा कर दी गई उसके उपरांत वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर रत्नेश पवार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई माननीय न्यायालय के समक्ष रत्नेश पवार की ओर से अधिवक्ता श्री अनुपम पालीवाल ने बताया कि और भी रत्नेश पवार द्वारा घटना दिनांक को कंधे से कंधा बदला गया था क्योंकि राइफल का वजन लगभग 10 से 15 किलो था और साथ ही साथ इसमें पीड़ित पक्ष कमलनाथ जी थे उनकी ओर से कोई भी एफ आई आर दर्ज नहीं कराई गई f.i.rपुलिस द्वारा ही दर्ज की गई जब न्यायालय ने कमलनाथ जी के पीए बृजेश पटेल ने अपने प्रति परीक्षण के दौरान बताया था कि ना भी मैंने ना कमलनाथ जी ने रत्नेश पवार को बंदूक तानते देखा है। हमने पुलिस में कोई शिकायत भी दर्ज कराई ऐसा ही विरोधाभास कथन सुरेश कपाले एवं फिरोज खान द्वारा दिए गए और घटना में मौजूद उप निरीक्षक द्वारा भी अपने कथन में अनेक प्रकार की विसंगति पूर्ण कथन दिए गए और उसने स्वयं बताया कि प्लेन की सीढ़ी चढ़ते समय आरक्षक राइफल का बदल रहा था । ऐसे ही अनेक विरोधाभास कथन माननीय न्यायालय के समक्ष आने के पश्चात माननीय श्री अरविंद कुमार गोयल जी तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा भा.द.वि की धारा 308 मानव वध के अपराध से दोषमुक्त कर दिया गया है उक्त प्रकरण में अधिवक्ता श्री अनुपम गढ़ेवाल निपुण एवं सहयोगी अधिवक्ता अजय पालीवाल पुनाराम मंडराह जय कुमार द्वारा उक्त प्रकरण में आरोपी रत्नेश पवार की ओर से पैरवी की गई आरोपी के अधिवक्ता श्री अनुपम गढेपाल ने बताया कि जिन पुलिसवालों ने अपराधिक सांठगांठ कर रत्नेश पवार को फंसाया है ।उन पर माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका प्रस्तुत कर विभागीय कार्रवाई एवं अपराधिक कार्रवाई अतिशीघ्र संस्थित की जायेगी ।
पंचायत दिशा समाचार छिदंवाडा