जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित छात्रावास से पाँच बच्चे हुए गायब विभाग में मचा हड़कंप पुलिस ने की जांच
छिदंवाडा -गरीब बेसहारा बच्चों के लिए सर्वशिक्षा अभियान द्वारा संचालित आवासीय बालक छात्रावास का एक और मामला खुलकर सामने आए हैं जिसने अफसरों की लापरवाही और बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी कर रख दी है दरअसल बुधवार की रात प्रताप शाला में संचालित छात्रावास से 5 बच्चे गायब हो गए थे जिसकी सूचना लगते ही विभाग में हड़कंप मंच गया तो वहीं प्रकरण पुलिस तक पहुंच गया हालांकि देर रात बच्चे की तलाश की गई जिसमें बच्चे मिल गए वही उनको छात्रावास में सुरक्षित पहुंचा दिया गया है किंतु देर रात तक बच्चे छात्रावास से गायब रहने के मामले में अधीक्षक सहित चौकीदार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है। क्योंकि छात्रावास में छोटे- छोटे महज 7 से 13 वर्ष के बच्चे रहते हैं । बच्चे के गुम होने की सूचना पुलिस को दी गई थी जिसके बाद पुलिस के अनुसार देर रात बच्चे सुरक्षित छात्रावास पहुंच गए थे ।उसके बाद रजिस्टर में बच्चों को मिलान भी कराया गया लेकिन अधीक्षक एंव चौकीदार पर
सवाल उठता है कि जिला मुख्यालय में ही ऐसी घटना होना लापरवाही की श्रेणी में में आता है क्योंकि बच्चों की सुरक्षा की बात है । वैसे तो जिला शिक्षा केन्द्र में डीपीसी महोदय को कोई फर्क नहीं पडता है उन्हें तो आपने चढ़वा से मतलब है ।जिले में सर्व शिक्षा अभियान द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास के हाल इससे बुरे है लेकिन विभाग के छात्राओं की कोई चिंता नहीं है कि इन छात्राओं की सुरक्षा कौन कर रहा है ।अधिकांश छात्रावास में वार्डन रहती नहीं सिर्फ महिला चौकीदार और सहायक वार्डन के भरोसे चल रहे हैं जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास अव्यवस्थाओं का इन छात्रावास मेंअंबार लगा हुआ है वार्डन एवं अधिकारी की मिलीभगत से यहां रोज नए खेल चल रहे हैं लेकिन सोचने की बात है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले होने के बाद भी छात्रावास में कार्यरत अधीक्षक की लापरवाही कहना है कि कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री के गृह जिले में अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े करती है क्या ऐसा ही होगा आदिवासियों का विकास