आदिवासी विभाग से 12 सालों से अनुपस्थित चल रहे 2 शिक्षिका को क्यों नहीं किया बर्खास्त क्यों किया पुनः बहाल ?
आदिवासी विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के धिरें में?
आखिर 12 साल से कहा थी महिला टीचर विभाग नेे सुुंध क्यों नहीं लिया ?
आदिवासी विभाग छिदंवाडा ने इतने बर्षों में क्यों नहीं दिया नोटिस ?
रिपोर्ट
ठा.रामकुमार राजपूत
प्रधान संपादक -पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा म प्र
08/02/2020
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छिदंवाडा- मध्यप्रदेश में छिदंवाडा जिले के आदिवासी विभाग के स्कूलों में तैनात दो महिला शिक्षिका जो 12 बर्षों से बिना सूचना के अनुपस्थित रहने के बाद भी आदिवासी विभाग छिदंवाडा ने नही लिया इनकी सुंध की कहा गई दो महिला शिक्षका विभाग से इतने बर्षों तक अनुपस्थिति रहने के बाद भी नहीं किया इनको बर्खास्त आखिर क्यों?
12साल बाद महिला शिक्षिकाओं को वेतनवृद्धि होने के बाद याद आई आपनी नौकरी
राजनेताओं एंव कुछ शिक्षा माफियों का सहारा लेकर पुनः बहाल हो गई महिला शिक्षिका कैसे?
आखिर क्यों विभाग को याद आई दो महिला शिक्षिका जो 12 साल अनुपस्थिति थी।सूत्रों की मानें तो सहायक आयुक्त एन.एस.बरकडे को चढावा मिलने के बाद हुआ पूरा काम इसलिये भूल गयें सारे नियम कानून साहब उड़ा दिया नियमों की धज्जियां और दो शिक्षिका को कर दिया पुनः बहाल जबकि नियम है कि बिना सूचना के तीन साल अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है । लेकिन आदिवासी विभाग छिदंवाडा ने क्यों नहीं किया इन महिला शिक्षिकाओं को बर्खास्त आखिर क्यों 12 सालों में विभाग ने नही दिया इन दो महिला शिक्षिक को कोई नोटिस , जो पिछले 12 वर्षों से स्कूल ही नहीं आई।
जबकि इनमें से एक शिक्षिका की नियुक्ति 1/11/2001 को हुई थी ।जिसने 2006 तक ही नौकरी किया उसके बाद से मार्च 2019 तक शाला से अनुपस्थिति रही। सूत्र बताते है कि सहायक आयुक्त को चढावा मिलनें के बाद सारे नियम कानून की अनदेखी करते हुये इन्हें पुनः बहाल कर दिया गया । सूत्रों के अनुसार क्योंकि ऐसे कामों के लिये ही पहचानें जाते है आदिवासी विभाग के साहब ।अभी साहब एक मामलों में पास्को एक्ट में फंसे हुए हैं ।अब देखना शिकायत होने पर इसमें क्या कार्यवाही होती है क्योंकि
अब इसकी शिकायत राज्यपाल महोदय मध्यप्रदेश शासन एंव प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन एंव विभाग के उच्च अधिकारियों से की जा रही है