वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी ही करा रहे वन की अवैध कटाई 

वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी ही करा रहे वन की अवैध कटाई


परासिया वनरक्षक दिनेश भार्गव की हार्ट अटैक से मौत परिजन ने लगाया आरोप


एक माह पूर्व ही झिरपा वनपरिक्षेत्र से  परासिया हुआ था स्थानांतरण
पंचायत दिशा 06/01/2020
छिदंवाडा म.प्र


छिदंवाडा-छिदंवाडा जिलें में इन दिनों  सागौन माफिया  सक्रिय है। वन विभाग की देखरेख में हो रही अवैध कटाई
छिंदवाड़ा जिले के सभी  वन परिक्षेत्र में  वनमफिया सक्रिय है।
 इन वन परिक्षेत्र में जगह-जगह बेशकीमती सागौन के बड़े बड़े    वृक्ष को धड़ल्ले से काटा जा रहा है । क्षेत्र में वनों की अवैध कटाई जोरों पर है । और जगलों का विनाश  लगातार  किया जा रहा है। और यह सब वन विभाग के संरक्षण में हो रहा है इन वन परिक्षेत्र में जगह-जगह जगलों की कटाई जारी है । सागौन के पेड़ों को भी बख्शा जा रहा है ।जबकि सरकार ने वनों की सुरक्षा के लियें कई अधिकारी/कर्मचारी लगायें है ।परिक्षेत्र में वन परिक्षेत्र अधिकारी सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी नाकेदार सहित वन विभाग के कर्मचारियों की नियुक्ति किया गया है ।उसके बाद भी वन सुरक्षित नहीं है । परंतु भ्रष्टाचार के चलते इस वन परिक्षेत्र में लंबे समय से वनमाफिया अवैध कटाई कर वनों के  मिटा रहे है ।


 


वहीं झिरपा वन परिक्षेत्र में कार्यरत  वनरक्षक की मौत ने भी विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है । क्योंकि वनरक्षक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि मृतक वनरक्षक दिनेश  तनाव में था  क्योंकि मृतक दिनेश के परिजनों का आरोप है कि जलपा फॉरेस्ट क्वार्टर में उड़न दस्ते ने सागौन की लकड़ी जब्त की थी जांच के बाद वनरक्षक का झिरपा से परासिया स्थानांतरण किया गया था इसके बाद से दिनेश भार्गव काफी तनाव में था। परिजनों का कहना था कि बड़े अधिकारी को बचाने के चक्कर में हमारे बेटे को फंसाया गया था। जबकि अधिकारी और कर्मचारी इस बात खबर है कि इस वन मंडल में सागौन जैसे बेशकीमती लकड़ी को अवैधानिक तरीके से काटकर खुलेआम  बेचा जा रहा है वहीं एक एक माह पहले फारेस्ट क्वार्टर में ही वन विभाग के उड़नदस्ते ने सागैन की लडकी झिरपा  वन विभाग के फारेस्ट क्वार्टर से जब्त किया था।लेकिन सोचने वाली बात है ।जब वन विभाग ही  सागैन की लकडी की अवैध तस्करी करने लगा तो इन वनों की रक्षा कैसे हो सकती हैं । वनविभाग को अधिकारी को भी है सब बात मालूम है। झिरपा वनपरिक्षेत्र अधिकारी भी तो नहीं है  अबैध लकडी तस्करी में शामिल  फॉरेस्ट कॉलोनी में इतनी बड़ी मात्रा में लकड़ी कहां से आई । इस क्षेत्र में जगह जगह काटे गए सागौन के वृक्षों को देखा जा सकता है। वन मंडला के  अधिकारी के संज्ञान में यह सब बात है ।उसके बाद  भी दोषी अधिकारी /कर्मचारी पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वन संरक्षक छिंदवाड़ा के संज्ञान में भी यह प्रकरण आने के बाद कोई कार्यवाही ना होना इस बात का संकेत है । कि निश्चित तौर पर जिले में बैठे बड़े अधिकारी जिनकी  जिम्मेदारी है कि वह वन एंव वनप्राणी की सुरक्षा कराये और जगलों में हो रही अवैध कटाई की रोकथाम के प्रयास करें । सागौन जैसे बेशकीमती लकड़ी का अवैध धंधा  करने वालों के ऊपर सख्त कार्रवाई  करना चाहिए । जबकि छिदंवाडा जिलें के वन क्षेत्र  में प्रतिदिन कही न कही अवैध कटाई के मामले सामने आ रहे। आज जंगल  अपने विनाश की कहानी कह रहे हैं । जबकि वन विभाग के आला अफसर कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं । वन विभाग के अधिकारी एंव अवैध कटाई करने वाले  वनमाफिया के साथ मौन सहमति है ।लगातार शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिले में वनों की ऐसी दुर्दशा  पहले कभी नहीं हुई है ।और इन वन परिक्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर शासन द्वारा बड़े पैमाने पर कठोर कार्यवाही  नहीं की गई तो आने वाले समय में छिदंवाडा के हरे भरे जंगल मैदान में तब्दील हो जाएंगे ।
प्रधानसंपादक-ठा.रामकुमार राजपूत पंचायत दिशा समाचार