लाड़ो अभियान के अंतर्गत बाल विवाह रोकने में सहयोग का अनुरोध क्या जिला प्रशासन इस बार रुक पायेगा बाल विवाह ?

लाड़ो अभियान के अंतर्गत बाल विवाह रोकने में सहयोग का अनुरोध


क्या जिला प्रशासन इस बार रुक पायेगा बाल विवाह ?


 पंचायत दिशा छिन्दवाडा -कलेक्टर डॉ.श्रीनिवास शर्मा द्वारा लाडो अभियान के अंतर्गत बाल विवाह की रोकथाम के लिये विशेष तिथियों विशेषकर आगामी 30 जनवरी को बसंत पंचमी पर बाल विवाह को रोकने में शासन को सहयोग करने का अनुरोध किया है ।


      जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती कल्पना तिवारी रिछारिया ने कहा है कि बाल विवाह रोकना या इसे हतोत्साहित करना हर समझदार और कानूनप्रिय व्यक्ति की जिम्मेदारी है, इसलिये यह अवश्य सोचे कि कही आप 18 वर्ष से कम उम्र की लाडली बिटिया का विवाह करके उसकी जिदंगी अनजाने जोखिम में डालने तो नही जा रहे है। उन्होंने बताया कि भारत के राजपत्र में 11 जनवरी 2007 को प्रकाशित बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2007 जो एक नवंबर 2007 से लागू किया गया है । इस अधिनियम में दण्ड प्रावधान के अंतर्गत बालिका की आयु 18 वर्ष और बालक की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होना चाहिये । इस अधिनियम से संबंधित प्रकरण की सुनवाई के लिये जिला न्यायालय सक्षम न्यायालय है तथा बाल विवाह किये जाने पर 2 वर्ष के कारवास, एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनो से दंडित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अधिनियम के अंतर्गत दोषियों में लड़के और लड़की के अभिभावक/माता-पिता, पादरी/पुजारी/मौलवी, दोनों तरफ के रिश्तेदार/परिचित, दोनों पक्षों के पड़ोसी, समुदाय के ऐसे मुखिया जो इस तरह के विवाहों को संरक्षण देते है, मैरिज ब्यूरों/शादियां कराने वाले बिचौलिये, मानव व्यापारी, दूल्हा अगर उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो और लड़की नाबालिग हो, केटर्स, घोड़ी वाला, टेंट वाला, हलवाई, बैंड वाला, ब्यूटी पार्लर, मैरिज हॉल वाले, ट्रांसपोर्ट वाले, प्रिटिंग प्रेस के मालिक/प्रबंधक जिन्होंने मुद्रित की जा रही विवाह पत्रिका में यह स्पष्ट उल्लेख नही किया है कि वर-वधू बालिग है, ऐसे संगठन या समूह के सदस्य जो सब कुछ जानते हुये भी बाल विवाह को प्रोत्साहित करते है, स्वीकृति देते है, या उसमें हिस्सा लेते है और उसे रोकने में विफल है आदि अन्य सेवा प्रदाता को शामिल किया जा सकता है ।