दक्षिण वनमंडल के सौसर उपवन मंडल के कन्हान वन परिक्षेत्र के जंगलों में अवैध कटाई जोरों पर
हर दिन लोधीखेडा होते जा रही है। महाराष्ट्र अवैध लकडी।
वनविभाग के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
पंचायत दिशा (छिदंवाडा)- केंद्र एंंव राज्य सरकार वन एवं वनप्राणीय को सुरक्षित करने के लिये कई कार्ययोजना बना रही है । सरकार वनों को सुरक्षित करने के लिये इस ओर काम कर रही है वनक्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों एवं हरिजन के लोगों के वन की महत्व एवं रक्षा करने एवं वनों की अवैध कटाई के रोकने के लिऐ उन्हें वन के महत्व बताने के लिये प्रशिक्षण दिया जा रहा जिसमें प्रति बर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन फिर भी जगलों को सुरक्षित नहीं कर पा रहे है क्योंकि इन दिनों वनमाफिया ने जगलों को हानि पहुंचा रहे है । वन विभाग को पलीता लगा रहे है । जिले के सौसर उपवनमंडल की चारों वनपरिक्षेत्र में इन दिनों जगलों में धुआंधर वनों में अवैध जगलों की कटाई जोरों पर है यहां पर वनमाफिया सक्रिय है आज जिले के उपवनमंडल सौसर में जगल सुरक्षित नहीं है। क्योंकि जिले के सौसर उपवनमंडल के सौसर, कान्हान ,अंबाडा ,पाडुरना में हो रही लगातार जगलों की कटाई ने जिले के वन विभाग को चिंता में डाल दिया है। लेकिन जिले का वनविभाग की टीम हाथ पे हाथ रख कर बैठी है क्योंकि वन विभाग के अधिकारी एंव कर्मचारियों की कार्यप्रणाली आज भी बही है । यहां पर वन विभाग के उच्च अधिकारी (सी सी एफ )के आदेश को फील्ड स्टाफ हवा में उड़ा देता है बही जिला के सी सी एफ महोदय भी आदेश को कभी पलट के नहीं देखते है इसी कारण आज जिले के जगल सुरक्षित नहीं है इसकी बजह वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों का आपने मुख्यालय में ना रहना है । आज अधिंकाश अधिकारी जिला मुख्यलाय से आना जाना करते है । लेकिन उच्च अधिकारी इन पर कार्यवाही नहीं करते है इसी का फयादा कर्मचारी उठाते है और जगलों में कभी भी गस्ती नहीं करते इसी कारण आज जिले के जगलों में अवैध क़टाई चालू है ।वहीं सौसर उपवनमंडल अधिकारी से सांठगांठ से माफिया फलफूल रहा है ।साहब की नौकरी रेंजर से प्रारंभ हुई उसके बाद एस.डी.ओ फरेस्ट बन कर फिर सौसर आ गयें ।बर्षों से आपनी नौकरी यही कर रहे है ।साहब की राजनीतिक पकड़ मजबूत है ।पहले भाजपा के नेता के चाहते अधिकारी हुआ करते थे। और अब कांग्रेस के भी चाहते बन गए हैं ।इसीलिए तो 20 वर्षों से साहब यहां पर पदस्थ हैं सूत्रों की मानें तो इनकी कृपा के कारण आरा मशीन वाले बढ़ाई एवं वन माफिया खूब फल-फूल रहे हैं ।चारों वनपरिक्षेत्र में माफिया सक्रिय है वनक्षेत्र से अवैध कटाई हो या फिर रेत का कारोबार सब साहब की मेहरबानी से चल रहा है ।साहब भी उच्च अधिकारियों को खुशा रखते है ।इसलिए तो वनक्षेत्र में खूब काम कर रहे है महाले जी भी पेपरों के सहारे से सुखिर्यों में बने रहते हैं ।जी पैसे के बल पर पेपरों में वन क्षेत्र में दौरे की फोटो छापा कर सुर्खियों में बने रहते हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर है क्योंकि इनका अधिकांश समय अपने निज निवास नागपुर में ज्यादा रहता है। यहां से हफ्ते में एक-दो दिन ही मुख्यालय में बैठते हैं। बाकी समय सरकारी गाड़ी से नागपुर से आना-जाना करते है । महाशय की चारों वनपरिक्षेत्र में इतनी ज्यादा पकड़ है।कि वनपरिक्षेत्र अधिकारी भी इनके बिना कोई काम नहीं करते है ।क्योंकि साहब का अनुभव ज्यादा है सरकारी योजना में गोलमाल करने का इसलिए तो सौसर में इनकी जड़ मजबूत हो गई है ।साहब दिखवा के लिए पेपरों में आपने दौरे की फोटो पेपरों में छपा कर अपनी ड्यूटी पूरी कर लेते हैं अब देखना है कि बरसों से सौसर क्षेत्र के जगलों को दीमक की तरह मैं ऐसे अधिकारी पर चाट रहे ऐसे अधिकारी पर कब कोई बडी कार्यवाही होती है ।या ऐसे ही वन संपदा लूटते रहेगी ।