छिदंवाडा जिलें के श्री केंसरीनंदन हनुमान मंदिर में हर मंगलवार होती है जनसुनवाई
पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा-06/01/2020
पंचायत दिशा(छिदंवाडा)- ये तो हम सभी जानते है। कि प्रदेा में प्राासनिक अधिकारी पीड़ित जनता की समस्याये सुलझाने हर सप्ताह जनसुनवाई करते है, पर क्या आपने कभी सुना है, कि भगवान भी जनसुनवाई करते है। और भक्तो की समस्या को लिखित आवेदन के रूप में लेते है, बजरंग वली यह दरबार लगता है, छिदवाडा में जहां हर मंगल और शनिवार भक्त अपनी समस्या केंसरी नंदन हनुमान जी को देते है। यहां मौजूद मंदिर के बारे में कहा जाता है,कि अयौध्या के बाद यह दूसरा पूर्व मुखी हनुमान मंदिर है,जहां श्रदालु अपनी समस्या लेकर आतें है। अगर आपका ट्रांसफर नही हो रहा या किसी से जमीनी विवाद है,या फिर शादी विवाह में अड़चन है,तो अपनी समस्या का समाधान करने के लिये छिंदवाडा का केसरी नंदन हनुमान दरबार आपके लिये खुला है,जी हां हर मंगल और शानिवार को पूर्व मुखी मंदिर में विराजे पवन पुत्र जनसुनवाई करते है, इसके लिये पीडितो से बकायदा लिखित आवेदन किया जाता हैं। जिसमे समस्या लिखी होती है। लोगो की श्रद्धा है कि जो भी समस्या हनुमान के दी जाती है,उसका समाधान हो जाता है।
इस हनुमान दरबार के पुजारी बताते है कि यहां सदियो से हनुमान लिखित आवेदन लेकर भक्तो के दुख दूर करते है। ओर अपनी इच्छा से लोग यहां आते है। इस मंदिर की खासियत इसमेें दिवारे नही है बल्कि नारियलो से यह मंदिर बना है,वैसे भी लोग शाासन प्राासन से ज्यादा अपनी समस्या को लेकर भगवान के भरोसे से ही होते है,यह भक्तो की भावना है, की वे भगवान को लिखित शिकायत दर्ज कराते है,उनकी इस दरबार मेें सुनवाई होती है। हजारो प्रमाण है, यहां रोज यह आवेदन पत्र आते है।
ईवर पर आस्था और विवास का प्रतीक है,यह पूर्व मुखी हनुमान मंदिर जहां हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है,जब भक्त की मनोकामना पूरी होती है। तब वो यहां आकर हनुमान को नारियल भेंट करता है,इस मंदिर में न जाने कितने भक्तो की मनोकामना पूर्ण हो चुकी है,उसका प्रतीक है यह नारियल जो मंदिर के चारो और उस भाक्ति का बखान करते है,इस मंदिर में सीमेंट ईट की दिवार नही है।
बल्कि भक्तो द्वारा मनोकामना नारियल से ही इस मंदिर की दिवारे बनी है,यहां हर मंगलवार और शानिवार भक्तो का जमावडा रहता है,इनमें वो श्रदालू ज्यादा शामिल होते है,जो किसी समस्या से ग्रस्त होते है,और अपना आवेदन हनुमान जी को सौपना चाहते है। अब तक इस मंदिर में लाखो आवेदन आ चुके है इन आवेदनो गुप्त रखा जाता है। आवेदन में क्या लिखा है,यह सिर्फ भक्त और भगवान के बीच की बात होती है,यहां जो भी आया वो कुछ न कुछ लेकर गया इस मंदिर के इतिहास के बारे में कुछ भी नही मालूम पुजारी बताते है। कि यह 100 साल पुराना है। हमारे दादा परदादा और अब हम इस बाल रूपि हनुमान जी कि सेवा करते आ रहे है। पर सच यह है कि सदियो से यह हनुमान भक्तो के दुखो हर रहे है।
यहां पवन पुत्र की पुत्र एक नीम के पेड के नीचे बैठे है। जो हनुमान मूर्ति यहां मौजूद है वो बाल रूप है। इस मूर्ति कि एक ओर खासियत यह है,कि यह अग्नि कुंड मे स्थापित है। जो भक्तो के लिये भाक्ति का प्रतीक है,पौणारिक रूप से ग्रंथो में यह कहां गया हैं,कि पूर्व मुखी हनुमान मंदिर स्वयं सि़द्ध होते है अयौध्या के बाद देा में यह दूसरा पूर्व मुखी हनुमान मंदिर माना गया है। क्योकि हनुमान जी का हमेा मुख दक्षिण दिाा कि ओर होता है। आस्था के रूप में यह मंदिर दूर दूर तक ख्याति प्राप्त है। खास कर वे लोग यह जरूर आते है। जो किसी बाधा से पीडित है।
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