छिदंवाडा जिलें के अधिकाशं शासकीय स्कूल में नही रहते शिक्षक। शिक्षकों की लापरवाही एंव उदासीनता के कारण बच्चों का भबिष्य अंधकार में 
छिदंवाडा जिलें के अधिकाशं शासकीय स्कूल में नही रहते शिक्षक। शिक्षकों की लापरवाही एंव उदासीनता के कारण बच्चों का भबिष्य अंधकार में

पंचायत दिशा समाचार

छिदंवाडा

11/01/2020

 

 

पंचायत दिशा (छिदंवाडा)-केन्द्र एंंव राज्य सरकार कहने के तो  शिक्षा को बढने के लिये सर्वे शिक्षा अभियान  जैसी कई योजनाएं चला रही है सरकार की मंशा है कि  प्रदेश के हर गांव कस्बे तक हर बच्चे को शिक्षा मिल साके ओर कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे ।  जिसके लिये हर बर्षों करोड़ों खर्च कर रही है हर स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक की व्यवस्था कर रही है लेकिन जिले के शिक्षक सरकार की मंशा में किस कदर पानी फेर रहै है ये आपके परासिया  विकासखंड के ग्राम जमुनियां जेठू  में मिल जायेगा  जहाँ पर शिक्षक होने के बाद भी शिक्षक छात्रों को नहीं पढते है तो बही कई शिक्षक स्कुल नहीं आते है जिसके कारण बच्चे स्वयं 11से 4बजे तक पढते रहते है जिसक कारण उनके अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है कभी कभी तो शिक्षक समय से पहले स्कूल बंद कर देते है  के बाद स्कूल की छूटी दे देते है और कई शिक्षक प्रतिदिन स्कूल भी नहीं आते है यहां पर शिक्षक आपने हिसाब से आते जाते है कई बार शिकायत होने पर भी कार्यवाही नहीं होती है उसके बाद भी शिक्षकों की लापरवाही इस कदर है तो सोचने का बिषय है जब मुख्यलाम  से महज 15 कि.मी की ये स्थिति है से ग्रामीण   क्षेत्रों का क्या हल  होगा । एंव पूरे जिले की क्या स्थिति होगी । जब शिक्षक ही ऐसा करगे तो फिर शिक्षा का स्थर कैसे होगा ये सोचने का बिषय है यहां पदस्य बीआरसी कभी भी विकासखंड का दौरा नहीं करते है  इसी कारण कुछ दिन पहले पाँच शिक्षक एंंव बीआरसी को भी निलंबित कर दिया गया था । ऐसा ही बिछुआ ब्लॉक एंव जुन्नारदेव ब्लॉक में देखने को मिल रहा है वहीं  ग्रामीण ने भी कई बार  लिखित शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नहीं करते है और तो और बीआरसी  शिक्षको की ही मदद करते  है। क्योंकि बीआरसी  से  शिक्षकगण मेल जोल रखते है । लगता नहीं है कि ऐसे अधिकारी ओर शिक्षक के रहते  सरकार का सर्वे शिक्षा अभियान सफल होगा। सर्वे शिक्षा अभियान जिला में सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है जमीनी हकीकत तो कुछ ओर है 

पंचायत दिशा 

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