जिला ओडीएफ घोषित सिर्फ कागजों पर जमीनी हकीकत कुछ और

पंचायत दिशा
11/01/2020
पंचायत दिशा (छिदंवाडा)-स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत हर घर में शौचालय बनाना तथा उसके उपयोग के लिए लोगों को जागरुक करना निसंदेह एक कठिन काम था,किंतु क्या जमीनी स्तर पर यह काम हुआ है नहीं आज भी जिले में ऐसे गांव है जहाँ सरपंच/सचिव ने इन शौचालय की राशि को हजम कर गए जिनके ऊपर आज जिला पंचायत में गबन एवं भ्रष्टाचार के केस दर्ज हैं पूरे छिंदवाड़ा जिले में आज कई दर्जनों सचिव और सरपंच पर गबन के आरोप लगे हुए हैं ।जिले में देखा जाए तो यह सबसे बड़ा घोटाला कहा जा सकता है जिला प्रशासन के सतत प्रयास से प्रदेश के सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा में शत-प्रतिशत शौचालयो का निर्माण करने के लिऐ करोड़ों रुपये खर्च किया गया है लेकिन क्या शतप्रतिशत शौचालय का निर्माण हुआ है नहीं ऐसा कोई ब्लाक न होगा जहां पूर्ण शौचालय बने होंगे कहीं शौचालय अधूरे है तो कहीं लोग शौचालय में लकडी भर के रखें ऐसा नजारा तामिया पाडुंरना अमरवाड़ा ब्लाक हो या चौरई जहां सबसे ज्यादा शौचालय निर्माण में गड़बड़ी हुई है और शौचालय के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है हुई ।
Vo-संपूर्ण छिंदवाड़ा जिला को खुले में शौच मुक्त घोषित कर स्वच्छता के लिये ऐतिहासिक मिशाल बताया गया लेकिन हकीकत कुछ और है शौचालय निर्माण के लिए एक लंबा प्रयास व अभियान सतत् रूप से चला जिसमें पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक सामूहिक सहभागिता से कार्य किया गया। इसके लिए ग्राम पंचायत ,जनपद और जिला स्तर पर अधिकारियों की अलग-अलग निगरानी दल बनाए व प्रेरक समूह बनाए गए थे जो खुले में शौच मुक्ति के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे।लेकिन जमीन हकीकत कुछ ओर है जो सिर्फ़ दिखवा साबित हुआ । खुले में शौच मुक्ति के अंतिम पड़ाव पर जिला स्तरीय अधिकारियों के दल द्वारा शौचालयों का सत्यापन किया गया था। लेकिन क्या सत्यापन सही हुआ है या सिर्फ़ कागजों में ही आफ्रिस में बैठकर सत्यापन हो गया । यदि आज पूरे जिले में शौचालय का सत्यापन कर लिया जाए तो हकीकत कुछ और ही निकलेगी लेकिन हजारों शिकायतें होने के बाद भी किसी सचिव/सरपंच पर कोई कार्यवाही नहीं हुई बल्कि गबन करने बाले सचिव को निलंबन हटा कर दो बार बहाल कर दिया गया जबकि आज तक वो राशि जमा नही हुई है लेकिन लगता है उच्च अधिकारी ने इन सचिव सरपंचों को खुला संरक्षण दे रखा है जब तो पहले गाबन करो उसके बाद निलंबित हो जाओ और फिर बहाल हो जाओ यह कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं ।छिंदवाड़ा जिला प्रदेश का सबसे बड़ा जिला व सर्वाधिक शौचालय निर्मित करने वाला जिला है जो सिर्फ़ कागजों पर शौचालय के निमार्ण करा दिये गये हैं 11 विकासखंड के 784 पंचायतों में हर घर में शौचालय बने है तथा लोग उसके उपयोग भी कर सके यह बहुत बड़ी बात है लेकिन आज जिले के कई पंचायतों में पानी की किल्लत है तो कहीं अधूरे शौचालय निर्माण पड़े हुए हैं फिर भी जिला ओडीएफ घोषित हो गया हैं।
ठा.-रामकुमार राजपूत
पंचायत दिशा
छिदंवाडा